Dua
सोने से पहले की दुआ
- اللهُمَّ بِاسْمِكَ أَمُوتُ وَأَحْيَا.
अल्लाहुम-म बिस्मि-क अमुतू व अहया
ए अल्लाह! तेरा नाम लेकर मैं मरता और जीता हूँ.
उठने की दुआ
- الحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي أَحْيَانَا بَعْدَ مَا أَمَاتَنَا وَإِلَيْهِ النُّشُور.
अल हम्दु लिल्लाहिल्लजी अह्याना बअद मा अमा-तना व इलैहिन्नुशूर
सब तारीफें खुदा के लिए है, जिसने हमें मार कर जिंदगी बख्शी और हम की उसी की तरफ उठ कर जाना है
खाना खाने के पहले की दुआ
- بِسْمِ الله وَعَلَى بَرَكَةِ اللَّه.
बिस्मिल्लाही व अला ब-र-कतिल्लाह
मैंने अल्लाह के नाम से और अल्लाह की बरकत पर खाना शुरू किया
खाना खाने के बाद की दुआ
- الْحَمْدُ لِلَّهِ الَّذِي أَطْعَمَنَا، وَسَقَانَا، وَجَعَلَنَا مُسْلِمِينَ.
अल हम्दु लिल्लाहिल्लजी अत-अ-म-ना व सकाना व ज-अ-ल-ना मिनल मुस्लिमीन
सब तारीफें खुदा के लिए है, जिसने हमें खिलाया और पिलाया और मुसलमान बनाया
वजू करने के बाद की दुआ
- اللَّهُمَّ اجْعَلْنِي مِنَ التَّوَّابِينَ، وَاجْعَلْنِي مِنَ الْمُتَطَهِّرِينَ.
अल्लाहुम-मज अल्नी मिनात्त्व्वाबीन वजअल-नी मिनल मु-त-तहिहरीन
ए अल्लाह! मुझे बहुत तौबा करने वालों में और बहुत पाक रहने वालों में शामिल फरमा
टॉयलेट में दाखिल होने के बाद की दुआ
- اللَّهُمَّ إِنِّي أَعُوذُ بِكَ مِنَ الخُبُثِ وَالخَبَائِثِ.
अल्लाहु म-म इन्नी अअूजु बि-क मिनल खुबुसि वल खबाइसि
ए अल्लाह! मैं तेरी पनाह चाहता हूँ खबीस जिन्नों से मर्द हों या औरत
टॉयलेट का उपयोग करने के बाद की दुआ
- الْحمْدُ لِلَّهِ الَّذِي أَذْهَبَ عَنِّي الْأَذَى وَعَافَانِي.
अल हम्दु लिल्लाहिल्लजी अज्ह-ब अन्निल अजा व आ फानी
सब तारीफें अल्लाह के लिए ही है जिसने मुझसे ईजा देने वाली चीज दूर की और मुझे चैन दिया
रोजा रखने की दुआ (सहरी)
- بِصَوْمِ غَدٍ نَوَيْتُ مِنْ شَهْرِ رَمَصَانَ.
व बि-सौमि गदिन-नवैतु मिन शहरि र-म-जा-न
मैंने माह-ए-रमजान के कल के रोज़े की निय्यत की.
रोजे खोलने के लिए दुआ (इफ्तार)
- اللهم لَكَ صُمْتُ وَ بِكَ آمَنْتُ وَ عَلَيكَ تَوَكَّلْتُ وَ عَلَى رِزْقِكَ أَفْطَرَتُ.
अल्लाहुम-म ल-क सुम्तु व अला रिज्की-क अफत्तर्तु
ए अल्लाह! मैंने तेरे ही लिए रोजा रखा और तेरे ही दिए रिज्क पर रोजा खोला
इफ्तार के बाद की दुआ
- ذَهَبَ الظَّمَأُ وَابْتَلَّتِ الْعُرُوقُ، وَثَبَتَ الْأَجْرُ إِنْ شَاءَ اللَّهُ.
ज-ह-बज्ज-म उ वब तल्लतिल उरुकु व स-बतल अज-रु इन शाअल्लाहु
प्यास चली गई और रगें तर हो गयी और इंशाअल्लाह सवाब साबित हो गया
घर के अन्दर दाखिल होने और घर से बाहर जाने की दुआ
- اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْأَلُكَ خَيْرَ الْمَوْلَجِ، وَخَيْرَ الْمَخْرَجِ، بِسْمِ اللَّهِ وَلَجْنَا، وَبِسْمِ اللَّهِ خَرَجْنَا، وَعَلَى اللَّهِ رَبِّنَا تَوَكَّلْنَا.
अल्लाहुम-म इन्नी असअलु-क खैरल मौलजी इ खैरल मख्र्रजि बिस्मिल्लाहि व लज्ना इ बिस्मिल्लाहि खरज्ना व अल्लाहि रब्बिना तवक्कल्ना
ए अल्लाह! मै तुझसे अच्छा दाखिल होना और अच्छा बाहर जाना मांगता हूँ. हम अल्लाह का नाम लेकर दाखिल हुए और अल्लाह का नाम लेकर निकले और हमने अल्लाह पर भरोसा किया जो हमारा रब है
किसी अन्य स्थान पर खाना खाने की दुआ
- اللهُمَّ، أَطْعِمْ مَنْ أَطْعَمَنِي، وَأَسْقِ مَنْ أَسْقَانِي.
अल्लाहुम-म अतअिम मन अत-अ-म-नी वस्कि मन सकानी
ए अल्लाह! जिस ने मुझे खिलाया तू उसे खिला और जिसने मुझे पिलाया तू उसे पिला
आईने में देखने की दुआ
- اللَّهُمَّ حَسَّنْتَ خَلْقِي فَحَسِّنْ خُلُقِي.
अल्लाहुम&म अन&त हस्सन&त खल्की फ हस्सिन खुलुकी
ए अल्लाह! जैसे तूने मेरी शक्ल अच्छी बनायी मेरे अख़लाक़ भी अच्छे कर दे
बारिश के लिए दुआ
- اللَّهُمَّ صَيِّبًا نَافِعًا.
अल्लाहुम-म सय्यिबन नाफिअन
ए अल्लाह! इस को बहुत बरसने वाला और नफ़ा देने वाला बना
मस्जिद में दाखिल होने की दुआ
- اللهُمَّ افْتَحْ لِي أَبْوَابَ رَحْمَتِكَ.
अल्लाहुम मफ्तह ली अब्वा-ब रह्मति-क
ए अल्लाह! मेरे लिए अपनी रहमत के दरवाजे खोल दे
मस्जिद से बहार आने की दुआ
- اللَّهُمَّ إِنِّي أَسْأَلُكَ مِنْ فَضْلِكَ.
अल्लाहुम-म इन्नी अस अलु-क मिन फज्लि-क
ए अल्लाह! मै तुझसे तेरे फज्ल का सवाल करता हूँ
दूध पीने की दुआ
- اللَّهُمَّ بَارِكْ لَنَا فِيهِ، وَزِدْنَا مِنْهُ.
अल्लाहुम-म बारिक लना फीहि व ज़िद न मिन्हु
ए अल्लाह! तू इसमें हमें बरकत दे और हमको और ज्यादा दे
नए कपडे पहनने के लिए दुआ
- اللهُمَّ أَنْتَ كَسَوْتَنِي هَذَا الثَّوْبَ، فَلَكَ الْحَمْدُ، أَسْأَلُكَ مِنْ خَيَّرِهِ وَخَيْرِ مَا صُنِعَ لَهُ، وَأَعُوذُ بِكَ مِنْ شَرِّهِ وَشَرِّ مَا صُنِعَ لَهُ.
अल्लाहुम-म लकल हम्दु कमा कसौ-त नी हि अस् अलु-क ख़ै-र हू व ख़ै-र मा सुनि-अ लहू अ अअ़ूजु बि-क मिन शर्रिही व शर्रि मा सुनि-अ लहू
ए अल्लाह! तेरे ही लिए सब तारीफ है, जैसा कि तूने यह कपड़ा मुझे पहनाया. मैं तुझसे उसकी भलाई का और उस चीज की भलाई का सवाल करता हूँ, जिसके लिए यह बनाया गया है और मैं तेरी पनाह चाहता हूँ उसकी बुराई से और उस चीज की बुराई से, जिसके लिए यह बनाया गया है.
सुबह की दुआ
- «اللَّهُمَّ بِكَ أَصْبَحْنَا، وَبِكَ أَمْسَيْنَا، وَبِكَ نَحْيَا، وَبِكَ نَمُوتُ، وَإِلَيْكَ النُّشُورُ»
अल्लाहुम-म बि-क अस्बहना व बि-क अम्सैना इ बि-क नहया इ बि-क नमूतु व इलैकल मसीरु
ए अल्लाह! तेरी कुदरत से हम सुबह के वक़्त में दाखिल हुए और तेरी कुदरत से हम शाम के वक़्त में दाखिल हुए और तेरी कुदरत से हम जीते हैं, मरते हैं और तेरी तरफ़ जाना है
सफ़र की दुआ
- سُبْحَانَ الَّذِي سَخَّرَ لَنَا هَذَا وَمَا كُنَّا لَهُ مُقْرِنِينَ () وَإِنَّا إِلَى رَبِّنَا لَمُنْقَلِبُونَ
सुब्हानल्लजी सख्ख-र लना हाजा व मा कुन्ना लहू मुक्रि नीन व इन्ना इला रब्बिना ल-मुन्कलिबून
अल्लाह पाक है, जिसने इसको हमारे कब्जे में दे दिया और हम उसकी कुदरत के बगैर इसे कब्जे में करने वाले न थे और बिला शुबहा हम को अपने रब की तरफ जाना है