Khwab Ki Tabeer (आ)

आंख अपनी जियादीक

मुसाफिर हो तो रास्ता भूल जाए।

आंख अपनी तारीक देखना

दीन व दुनिया के मामले में मशहूर हो, बीमारी या लड़के या महबूब से परेशान हो।

आंख देखना

दीन का दर्जा हासिल हो, नफरत पाये।

आग उठा लेना

हिसाब नफा हो सिर्फ बेजा से इज्तनाब हो।

आग जलने में कपड़ा जलते देखना

आंख को नुक्सान बहुत पहुंचे, मलाल से सरगर्दा व परेशान रहे।

आग जला के पकाना

बेहिसाब नफा हो सिर्फ बेजा से इज्तनाब हो।

आग देखना

औरत मालदार और हरमत वाली मिले।

आंगन बजाना

फ़ौज का अफसर या शहर का हाकिम हो जाए।

आंधी आना

मुसीबत पैदा हो, कुछ दुख हो।

आलम को देखना

नेक नामी हासिल करे, दरबारियों में शामिल हो।

आसमान देखना

मर्तबा ऊचा हो, लड़का पैदा हो।

आसमान पर उड़ना

सफ़र सामने आए, गैब से फतह हासिल हो।

आसमान पर पहुंचना

आखिरत की बुजुर्गी और फरहत का सामान हो।

आसमान बराबर देखना

बादशाह मेहरबान हो।

आसमान से गुजरना

बेइज़्ज़ती हो, गुनाह करे।