Festival

ईद-उल-अजहा (बकरीद)

  • Apr 14, 2020
  • Qurban Ali
  • Tuesday, 9:45 AM

इस्लाम धर्म में विश्वास करने वाले लोगों का एक प्रमुख त्योहर है। रमजान के पवित्र महीने की समाप्ति के लगभग 70 दिनों बाद इसे मनाया जाता है। इस्लामिक मान्यता के अनुसार हजरत इब्राहिम अपने पुत्र हजरत इस्माइल को इसी दिन खुदा के हुक्म पर खुदा कि राह में कुर्बान करने जा रहे थे, तो अल्लाह ने उसके पुत्र को जीवनदान दे दिया जिसकी याद में यह पर्व मनाया जाता है. इस दिन जानवर की कुर्बानी देना एक प्रकार की प्रतीकात्मक कुर्बानी है। हज और उसके साथ जुड़ी हुई पद्धति हजरत इब्राहीम और उनके परिबार द्वारा किए गये कार्यो को प्रतीकात्मक तौर पर दोहराने का नाम है। हजरत इब्राहीम के परिवार में उनकी पत्नी हाजरा और पुत्र इस्माइल थे।मान्यता है कि हजरत इब्राहीम ने एक स्वप्न देखा था जिसमे बह अपने पुत्र इस्माइल की कुर्बानी दे रहे थे हजरत इब्राहीम अपने दस वर्षीय पुत्र इस्माइल को अल्लाह की राह पर कुर्बान करने निकल पड़े। हदीसों में आता है कि अल्लाह ने अपने फरिश्तो को भेजकर इस्माइल की जगह एक जानवर की कुर्बानी करने को कहा।

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